ये साफ़ दिल तिरा, पहचान है तिरी, तभी बेबाकी से चलती ज़बान है तिरी। सुन मिरे यार, तू इस तरह ही रहना, आख़िर तिरी दोस्ती जान है मिरी। हाँ तो हम शुरू करें उससे पहले हम बता दें कि ये किसी साधारण व्यक्ति के लिए जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं हैं, ये शुभकामनाएं हैं हमारे अपने योगी जी के लिए। हम इनके समोसामैन हैं और ये हमारी योगी जी, और जो एक शुभी मिश्रा हैं वो इनकी बच्ची हैं। ये कानपुर की निवासी हैं, और सच बता रहे बड़ी ख़तरनाक हैं। हों भी क्यों ना, आख़िर योगी जी जो हैं। हर हर योगी घर घर योगी! नारा नहीं विश्वास है हमारा। (कंटाप मत मारना) जब कभी ये कनपुरइया अंदाज़ में बोलती हैं तो लगता है अमृत छलक रहा मुख से (मज़ाक है, कदापि गंभीरता से ना लें)