हम लड़ते रहते आपस में वो वोटों की फसल काट गया हमने न सोचा घर आंगन का उसने दिल्ली में महल बनाया हमको जाति धर्म रहे प्यारे उसने सरकारों का गठन किया हमारे दायरे सिमटे थे खुद तक . उसने दायरों का फायदा उठाया हमने किया नही उससे सवाल उसने हमको ही सवाल बनाया वो बड़ा नेता है देश का जो हमको हमीं से बाँट गया ~ #कपिल_राही बड़ा नेता