Mumbai Rains आओ के प्यार का मौसम आ गया, बारिश-ए-बहार का मौसम आ गया! फ़ज़ा में बिखरी है खुशबू-ए- मिट्टी , गुल-ए-गुलज़ार का मौसम आ गया! नए पत्तों से रौशन दरख़्तों के साए हैं, फूलों के निखार का मौसम आ गया! महक उठेगा गुलशन-गुलशन, फसल-ए-बहार का मौसम आ गया! हकीकत-बयानी कर देगा चेहरा, आईना-दार का मौसम आ गया! डस लेगी तन्हाई तुझको मुमताज़ लो अश्क़बार का मौसम आ गया!! -मोहम्मद मुमताज़ हसन #rain #ग़जल