हम जंगली नहीं, शहरों में रहते हैं आज़ादी का कत्ल कर,पहरों में रहते हैं गहरा समंदर भले ही शांत हो हम भोले लोग तो लहरों में रहते हैं #NaturalBeing #ArtificialLiving