कुछ रूढ़िवादी उलझनों में उलझे है ना जाने क्यूं आज भी उसे मुझसे और मुझे उससे मिलने की आस है समंदर को ढूँढती है नदी न जाने क्यूँ पानी को पानी की ये कैसी प्यास है... !! #पानीकीबूँदें #नदी_की_कहानी #मिलन_अभी_आधा_अधूरा_है #YourQuoteAndMine Collaborating with Rajpurohit