ज़िन्दगी भर मे सर गरानी से ऐसे खेला हूॅ जैसे पानी से कितने ही गम निखरने लगते है एक लम्हे के शाद मानी से हर कहानी मेरी कहानी थी जी ना भहेला किसी कहानी से सिर्फ वक्ति सुकून मिलता है प्यास बुझती नही है पानी से मुझको क्या क्या ना दुःख मिले साकी मेरे अपनो की मेहेरबानी से ©Mujahid Khan Mujahid Khan #SuperBloodMoon #MujahidKhan