जागी भी है रोई भी है, आँखें ये रातों में मेरे क्यों हर घड़ी मिलके तुझे, लगती रहे बस तेरी कमी - Sayeed Quadri जागी भी है रोई भी है, आँखें ये रातों में मेरे #Chaand #11Dec