दूर तक फैली तुम्हारी सोच हो! अग्नि सी दहक, भोर की महक, पंछियों की चहक, पारदर्शी चाह हो सोच में ना कोई मोच हो, दूर तक फैली तुम्हारी सोच हो! सुप्रभात। सूरज को देखो वो तुम्हारा ही हिस्सा है। #सूरज Collaborating with YourQuote Didi #kumaarsthought #kumaar2020 #kumaar2020_25_366 #सोच #महक #दहक #चहक