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इंसानियत दोपहर का समय था, सब तरफ चहल-पहल व शोरगुल

इंसानियत

दोपहर का समय था, सब तरफ चहल-पहल व शोरगुल का मेला लगा था तभी अचानक उस बाज़ार में एकांक की मुलाकात वहीं के निवासी श्रीमान विवेक से होती है।

( विवेक अपने घर जाते हुए किसी को आवाज लगाता है तब..........)

विवेक - रुको भाई जी, रुको............,रुको
एकांक - क्या हुआ भाई साहब?

विवेक - आपका थैला, आप उसे वहाँ भूल आये थे
एकांक - जी कोटि-कोटि धन्यावाद आपका। इसमे मेरा बहुत कीमती समान था, जिसे मैंने भूलवश खो दिया था, पर आपकी मेहरबानी से ये मुझे वापस मिल गया।
शुक्रिया जी आपका, अगर आपको भी कभी जरूरत पड़े तो बेझिझक मुझे याद कर लीजियेगा।

विवेक - धन्यवाद कैसा, ये तो हमारा धर्म है।
एकांक - 😊🙏😊 इंसानियत

#jindagi #vichar #insaniyat #dharm #nojoto #nojotohindi #kahani #bajar #thaila #meharbani #mulakat #khushi
इंसानियत

दोपहर का समय था, सब तरफ चहल-पहल व शोरगुल का मेला लगा था तभी अचानक उस बाज़ार में एकांक की मुलाकात वहीं के निवासी श्रीमान विवेक से होती है।

( विवेक अपने घर जाते हुए किसी को आवाज लगाता है तब..........)

विवेक - रुको भाई जी, रुको............,रुको
एकांक - क्या हुआ भाई साहब?

विवेक - आपका थैला, आप उसे वहाँ भूल आये थे
एकांक - जी कोटि-कोटि धन्यावाद आपका। इसमे मेरा बहुत कीमती समान था, जिसे मैंने भूलवश खो दिया था, पर आपकी मेहरबानी से ये मुझे वापस मिल गया।
शुक्रिया जी आपका, अगर आपको भी कभी जरूरत पड़े तो बेझिझक मुझे याद कर लीजियेगा।

विवेक - धन्यवाद कैसा, ये तो हमारा धर्म है।
एकांक - 😊🙏😊 इंसानियत

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