कातिल को भी अपने कत्ल होने का डर रहता है दूसरे के इलाके में जाने से उसको डर रहता है वह अपनी बात लोगों से कहता फिरता है जाने क्यूँ उसको फिर अपने जान का डर रहता है जहाँ जाता है लोगों को बरगलाता फिरता है हिंसा बढ़ जाये तो वहां से भागने का डर रहता है झूठी बाते चारों तरफ करता फिरता है लेकिन उसको सच कहने वालो का डर रहता है नये वादे अब लोगों से कहता फिरता है कोई पुराने वादे पर बात करे तो उसे डर लगता है कातिल को भी अपने कत्ल होने का डर रहता है दूसरे के इलाके में जाने से उसको डर रहता है वह अपनी बात लोगों से कहता फिरता है जाने क्यूँ उसको फिर अपने जान का डर रहता है जहाँ जाता है लोगों को बरगलाता फिरता है हिंसा बढ़ जाये तो वहां से भागने का डर रहता है