चांदनी रात के ख़ामोश तारे को पता है ये ज़िन्दगी एक पानी का बुलबुला है छणिक है उमर इसकी हर बाग़ में ये गुल खिला है #पारस #चांदनी_रात #बुलबुला #ज़िन्दगी