रिश्तें और आशाएँ दर्द से रिश्तें हैं,आशाओं के जिद और हौसले को अब ढाल बना ग़म की राहें हैं,चाहतों के सफ़र में ख्वाबों के,रास्तो को अब चाल बना गूंजेंगे यक़ीनन तराने हर और फिजा में दिल के जज्बातों से शब्दों की,ताल बना रिश्तें और आशाएं #दिसम्बर #December #kaarigar_kalam_ka