Alone एक चहरे से उतरती हैं नकाबे कितनी लोग कितने हमें एक शक्स में मिल जाते है वक्त बदेलगा तो इस बार में पुछुगा उसे तुम बदलते हो तो क्यों लोग बदल जाते है। #nojotohindishyri #unkown