गुज़ारिश इतनी सी है ऐ अजनबी कि यह किस्सा आम न कर।। महफ़िल में गैरों की यूं अपनों को बदनाम न कर।। कि हमें खोने का पछतावा तुम्हें तोड़ देगा तू हमसे दग़ाबाज़ी सरअंजाम न कर।। हम लिखते रहेंगे - Day 6 सभी सदस्यों से निवेदन है की इसी वालपेपर पर अपना collab करें। अपनी रचनाओं में दिए गए पाँचो शब्दों का प्रयोग करना अनिवार्य है। हमारी टीम का हैशटैग होगा #जोश_ए_कलम। कृपया चारों हैशटैग अपनी पोस्ट में रहना निश्चित करें। अपनी रचना Collab करने के पश्चात इसी पोस्ट पर comment में done ज़रुर लिखे। आपके पास रात 10 बजे तक का समय है, कृपया समय सीमा का खास खयाल रखे।