चल रहा हूँ इश्क़ के सफ़र में मुझे तेरा साथ चाहिए, बहुत कर चुका अकेला सफ़र अब तुम सा हमसफ़र चाहिए, बैठे बैठे थक चुका अब थोड़ा आराम चाहिए, मुझे एक पल ही सही पर तेरा ख्वाब चाहिए डूबते डूबते इतना गहरा हो गया अब मुझ सा "भँवर" चाहिए, चल रहा हूँ इश्क़ के सफ़र में अब तुम सा हमसफ़र चाहिए। PBhanwar..... ©Bhanwarlal Meghwal #humsafr #reading Ajay Gautam 'Aahat'