रूबरू होकर आईना खुद से आँखे चार कर लो, आबरू खोकर जीना मुश्किल,ये एतबार कर लो ! सेज सजन सुकून सहज व्रतशील सिंगार कर लो, निरख निरख निज नयनन से बाते बेतार कर लो ! ©RAVINANDAN Tiwari #श्रृंगार_खिचड़ी