जीवन के विचार ************ स्वार्थ की आग में जलना कहाँ का इंसाफ है, नेकी और सदकत्ता से ही होता दिल साफ़ है, भ्रम की भव्यता का महल क्षणभंगुर होता है, अविवेकी से किया हर कर्म का अंत होता है, सहयोगी,सहोदर समनिष्ठता का भाव रखिये, हो जो अधूरा ज्ञान तो इत्मीनान से सीखिये, अहंकार,दम्भ,विकारी रोग से स्व सदा बचिये, बन मनस्विता रख नियंत्रण न ज़्यादा ख़र्चीये, कर्म से पहचान का कीर्तिमान सदा लहराइये, वक्त पर किसी के काम आ यादगार बन जाइये। #विचार #thoughts #nisha_kamwal