आठ साल का नन्हा बच्चा चली बेगानी ड़गर पे था भूख प्यास से मरती माँ को छोड़ बना मोट्यार अभी ना जाने किस मोड़ पे उसे मिली आखरी मंजिल होंगी आठ साल का नन्हा बच्चा............................... दर दर भटका घर घर भटका मिला नी कोई मदद उसे ढूंढ रही थी आंखे उसकी मिले आखरी मंजिल उसे आठ साल का नन्हा बच्चा.... भूख प्यास से मरते मरते मिला एक खुद गर्ज उसे पैसो के लालच मे आकर बना बैठा मजदूर उसे दर दर भटकी आँखों मे अब काम ही सहारा था आखिर खुद गर्ज व्यक्ति को एक और बाल मजदूर बनाना था | ©Atam singh bagora #BALMAJDURI