आसमान बाप सा बरसता है वो किसे थामता है ! साहब गोद माँ की पुकारती है बाहें फैलाकर धरती के वक्ष पर ही सो सकता है प्राणी! आसमान बाप सा बरसता है वो किसे थामता है ! साहब गोद माँ की पुकारती है बाहें फैलाकर धरती के वक्ष पर ही सो सकता है प्राणी! #आसमान #गिरना #लटकना #खजूर #YourQuoteAndMine Collaborating with Anuup Kamal Agrawal