बंटवारा कर लिया मैंने अपनी अच्छाईयों से , बात बस इतनी सी थी किस काम की हो तुम जब किसी को नजर ही नहीं आती ! तुम्हारी तरफ़दारी करते करते थक गया हुं मैं , हर ओट, हर कोने में तुम हो फिर भी अच्छा क्यों नहीं हुं मैं ? एक बार को तो कोई आए और मुस्काए कहे अच्छे हो तुम क्या इतना हक नहीं मेरा ? तुम्हारे साथ चलते चलते नजाने कितनी बुराईयों को नजंदाज किया है मैंने, जैसी भी है कमबख्त हर बार मेरा साथ तो वहीं निभाती है, हर बार कोई ना कोई याद दिला ही देता है कि बुरे हो तुम, बोलो अच्छाई क्या करूं मैं तुम्हारा? परछाई बन कर कब तक चलूंगा मैं , थोड़ा दर्द बुरा होने का और सह लूंगा मैं , बस एक इत्मीनान तो होगा बुरा ही तो हूं मैं। तब से मैं और बुराई एक साथ रहते हैं ! बिलकुल बेपर्दा ! ©sukhwant kumar Saket #Hopeless #बटवारा😢😢😢 #बटवारा #अच्छा #बुरा #सब #मैं #अकेला