ना जात देखूं, ना पात देखूँ, न हिन्दू देखूँ, न मुसलमान देखूँ, न मरकज़ देखूँ, न कुम्भ देखूँ, न अमीर देखूँ, न गरीब देखूँ, न उम्र देखूँ, न लिंग देखूँ, न प्रसिद्ध देखूँ, न अप्रसिद्ध देखूँ, न झोपड़ी देखूँ, न बंगला देखूँ, न नौकरी देखूँ, न कारोबार देखूँ न अपना देखूँ, न पराया देखूँ, न आस्तिक देखूँ, न नास्तिक देखूँ, न सरहद देखूँ, न नक्शा देखूँ, न मंत्री देखूँ, न संत्री देखूँ। मैं तो कोरोना हूँ, मैं ना भेद देखूँ न भाव देखूँ! #repost with improvisation. #coronalockdown #coronadiaries #बीमारी #quoteliners #yqbaba #yqdidi