न जाने क्यूँ जमाने ने मुझे समझा नहीं अब तक फंसाया खूब इसने पर मैं उलझा नहीं अब तक । बग़ावत सिर्फ़ इसके मानकों से है जो दोहरे हैं मसला है ही कुछ ऐसा कि ये सुलझा नहीं अब तक । ......///........///..शिवम मिश्र "मुसाफ़िर" #दोहरेमानक #सामाजिकता #भीड़#अकेलापन