मैंने सुना है खु़दा के दरबार मैं कबुल होती है हम बच्चों की इबादत तो फिर ऐ मेरे खु़दा करो ना पूरी तुम्हारे दरबार केे फुलों की मन्नत ग़र सच्ची में है तुम्हे हम बच्चों पर मोहब्बत तो फिर क्यों तुम इस महामारी कोरोना के जरीए ढ़ा रहे हो हम पे क़यामत यूँ तो माँ-बाप और गुरु है तुम्हारा दुजा रूप तो फिर क्यों नही करते तुम उनकी हिफाज़त ग़र बुलाना ही हो तुम्हे मेरे खुदा को तुम्हारे पास तो फिर मुझे भी बुलाना क्योंकि उनके चरणों में ही मेरी जन्नत ऐ खुदा सुनो ना इस "राही" कि इबादत हमसे दूर करो ना इस कोरोना की आफत काश रमज़ान के पावन माह में खु़दा हमारी इबादत कबूल कर ले😊 रमज़ान कोरा कागज़ की पहली रचना:इबादत #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2021 #रमज़ान_कोराकाग़ज़