पार्टी के लिए बोझ बना परिवार शीर्षक से लेख आलेख में संजय गुप्ता ने कांग्रेस पार्टी के बेलगाम राजनीति पर जो विश्लेषण किया है उस पर इतना तो तय हुआ कि गांधी परिवार खुद के प्रति गंभीर कदम नहीं उठाया तो उनके साथ ही उनकी पार्टी का भविष्य जाएगा पांच राज्य में बुरी हार के बाद कदम उठाना आवश्यक हो गया है क्योंकि गांधी परिवार अपनी अपनी ही पार्टी में खाने लगे हैं उनके ही नेताओं में उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेश होने लगा देश गांधी परिवार में चुनावी हार का दोषारोपण पांच राज्यों के अध्यक्ष पर कर दिया है किंतु उसे सच्ची को नकारा नहीं जा सकता वास्तविकता दोष किसका है इसके पीछे की मुख्य वजह भी यही है कि अगर अध्यक्षों के से त्यागपत्र नहीं मांगते तो कांग्रेस पार्टी निराशावादी हो जाती है इन सभी घटनाओं का गांधी परिवार पर ठोस फाड़ देता है इससे बचने के लिए इतने अध्यक्षों को दोषी करार दिया डाल दिया जाता है कांग्रेसी अधिक खुद को जिम्मेदार पार्टी के रूप में देखना चाहती है तो उससे गैर जिम्मेदारी नेतृत्व वाले से दरकिनार कर लेना चाहिए ©Ek villain #कांग्रेसका नेतृत्व बदलने की दर करार #youandme