मैं जो चल पड़ूं तो रहमतें तेरी हों जो ठहर जाऊं तो सोहबतें तेरी हों हर वक्त तेरा साया आदतें मेरी हों तुझमे समा जाना फितरतें मेरी हों साथ में जो तू हो तो कीमतें मेरी हों खुद को तू लिख दे किस्मतें मेरी हों #बुंदेला की कलम से