जिंदगी के पन्ने पर एक कहानी लिखती हूं उसको राजा तो खुद को रानी लिखती हूं सुन उसकी चांद तारों की बातें बेहिसाब उसे बुद्धू तो खुद को सयानी लिखती हूं हर मुलाकात पर फिर से मिलने का वादा एहसास की एक एक निशानी लिखती हूं मिलना और मिल के बिछड़ जाना हमारा सब जज़्बात,हर बात नई पुरानी लिखती हूं वो कहीं भी हो,उसके होने से है होना मेरा उसे कान्हा खुद को मीरा दीवानी लिखती हूं जिंदगी के पन्ने पर एक कहानी लिखती हूं उसको राजा तो खुद को रानी लिखती हूं सुन उसकी चांद तारों की बातें बेहिसाब उसे बुद्धू तो खुद को सयानी लिखती हूं हर मुलाकात पर फिर से मिलने का वादा एहसास की एक एक निशानी लिखती हूं