ना हार मान,न थक के बैठ,तू उठा तीर और कर दे भेद.. जिस दिन तू चाह गया बंदे,धरती से नीर निकालेगा.. चल लगा धार अपनी कटार पर,समर की तैयारी कर.. जिस दिन तू चाह गया बंदे,तारे ज़मीन पर ला देगा.. किस्मत विस्मत सब बातें हैं,यू कहने को सौगाते हैं.. जिस दिन तू चाह गया बंदे,मेहनत से सब कुछ पा लेगा.. धूल पथ की लगा ललाट पर,कर अपनी सफल जवानी को.. जिस दिन तू चाह गया बंदे,मरु में तू पुष्प खिला देगा.. न चिंता कर बस ध्यान कर,अपने इष्टों को प्रणाम कर.. जिस दिन तू चाह गया बंदे,विकराल जीत को पा लेगा.. -✍️पीयूष रंजन बाजपेयी 'नमो' #prb #नमो #काव्य_पीयूष #वीर_रस #जिस_दिन_तू_चाह_गया_बंदे