मैं लायक नहीं हूं तुम्हारे ये कह कर..! अक्सर कुछ सवालों से भाग खड़ा हुआ करता था। वो परिंदा था ही किसी और का..! जिसे पेड़ अपना समझा करता था। वक़्त गुजरा बदला मौसम तब साफ साफ नजर आया..! वो जो परिंदा था मेरा वो, किसी और पेड़ पर घौंसला अपना बना आया। नहीं समझ आया क्या करें तो..! खुद से ही बेचारा रूठ गया। न बात किसी से न मिलना किसी से..! वो पेड़ खुद ही में खोकर बस सूख गया। #poetry #unspokenwords #betrayal #coldhearted #destroyitself #fakepeople #hindi #writing #nojoto