प्रेम जब निस्वार्थ होता है तो वो किसी चीज की मांग नही करता। धन्य है श्री राम जानकी भरत शत्रुघ्न हनुमान जी धन्य है रघुकुल, धन्य है रामायण जय श्री राम ©UvVishal Dixit #uv