इंसान हूँ गर्व करता हूँ हैवानों के बीच रहकर कर्म करता हूँ रोता हूँ जब दर्द होता है फिर शब्दों में लिख कर सब्र करता हूँ अब ट्विंकल है कल और कोई था कल और ना हो यही मांग करता हूँ गुस्सा फूटेगा तो सल्तनत हिला दूंगा मुझे हल्का समझने की गुस्ताखी ना करना मैं आज भी कलम पर यकीन करता हूँ #aligarhrapecase