काल्पनिक घटना पर आधारित - एक तो गर्मी का मौसम.. ऊपर से भरी बस में चढ़ गए हम.. खाली सीट मिली बस का इंजन.. जैसे ही उसपे बैठे हम.. क्या बताएं तुमाई कसम.. निकलते निकलते बची हमाई दम.. सब पसीने से भीगे महके बदन.. कहां आन फसे ले के फूटे करम.. जैसे ही बस से उतरे हम.. वॉटर पार्क पहुंचे ले के सनम.. जैसे ही कूदे पता चली पानी गरम.. उछल कर निकले बदली चाल चलन.. हुआ ब्रेक अप मिले सारे गम.. गुस्सा में निकले गर्मी का किस्सा करने खतम.. टिकट कटाया हमने तुरंत.. जैसे ही पहुंचे हम वॉशिंगटन.. सही बता रहे एयर होस्टेस की कसम.. वहीं करा लिया ग्रीन कार्ड रजिस्ट्रेशन.. अब यहीं मिलेंगे हम हर जनम.. -Vikas