"युग निर्माता" सत्य-अहिंसा का पथ अपनाकर दो शब्दों के अस्त्र उठाकर, लड़ते रहे मन की ताक़त से जीवन रण में जोत जगाकर। धर्मभाव भूतल पर छाया कर्मभाव वसुधा अपनाया, निज मानष के दोष मिटाकर सच की लाठी आधार बनाया। था हृदय दग्ध, धू-धू कर के जिसमें ज्वालायें उठती थी, जिनके एक सदा से ही लाखों की भीड़ उमड़ती थी। वो मौन 'सत्य का आग्रह' था जिसमे हिंसा और रक्त नहीं, हे युगनिर्माता, युगाधार अब रहा कहीं वो वक्त नहीं। #nojotolove #nojotohindi #nojotopoem #yugnirmata #MahatmaGandhi #ekyug