- सुनो.... - हां, सुनाईए... - मुझे भूल जाओ - नहीं, ये नहीं हो सकता - क्यों? क्यों नहीं हो सकता..? - मेरे लिए नामुमकिन है ये.. - दुनिया में "कुछ भी" नामुमकिन नहीं होता.. - "कुछ भी"..? - हां, "कुछ भी".. - लेकिन ये "कुछ भी" नहीं है, मेरी मुहब्बत है, और मुहब्बत कभी नहीं भुलाई जा सकती.. - लेकिन आप मुझे भूल जाओ, यही आपके लिए बेहतर है, - हाहाहाहा "बेहतर"... मेरे लिए बेहतर तो आप हो ना ... फिर..? - लेकिन आप भी जानते हैं कि हम एक नहीं हो सकते...! - हां जानता हूं...भले ही आप मेरी ना हों, लेकिन..लेकिन मुझे भूलने के लिए ना कहो. - क्यों...? - क्युकी "सच्ची मुहब्बत कभी भुलाई नहीं जा सकती..!" और मेरा खुदा जानता है ,"मैंने आपसे सच्ची मुहब्बत की है."..सच्ची मुहब्बत..! " सच्ची मुहब्बत कभी भुलाई नहीं जा सकती..!" और मेरा खुदा जानता है मैंने आपसे सच्ची मुहब्बत की है, सच्ची मुहब्बत..❤️! 💔💔 ✍️ Rushda Sadaf Khan 💕🌺💕 . . #सच्ची_मोहब्बत