फिरता हूँ मैं मारा-मारा अपने अस्तित्व की तलाश में आ जा वापस ले चल मुझको फ़िर से अपनी पनाह में। ये वक़्त है ये तो गुज़र ही जाना है पर मुझको उठकर दिखाना है फ़िर से अपनो की निगाह में रो-रोकर गुज़रा हूं अक्सर यूहीं वज़ूद की तलाश में आ जा वापस ले चल मुझको फ़िर से अपनी पनाह में।। मन व्याकुल है भाता कुछ भी नहीं एक अपने खुदा के दीदार बिन सुहाता कुछ भी नहीं एक तेरे सहारे के बिन किसी प्रेरणा का काम नहीं रख दे हाथ मेरे हाथ मे भगवन इससे अच्छा कोई साथ नहीं खिल उठेंगे फ़िर से चेहरे कर ले अपनी निगाह में आ जा वापस ले चल मुझको फ़िर से अपनी पनाह में।।। #myinspiration #mygod