मेरे संघर्ष की कहानी चलते चलते समय के पहिए बदल गये हम जवानी की दहलीज़ पर खड़े हो गये आँखों से छलकते आँसू अब आँखों से दूर हो गये मजबूरी ने हमको कमज़ोर कर दिया दुनिया से लड़ने के जुनून से दूर हो गये हम जवानी की दहलीज़ पर खड़े हो गये वक़्त की ज़ंजीरो से दूर बचपन से ना जाने कब दूर हो गये अब तो लोग पल पल के हिसाब के लिए खड़े हो गये ऊँगली पकड़ के चलाने बाले माँ बाप ऊँगली के एक गेज़िट(मोबाइल) में समेट कर रह गये । “अब हम जवानी की दहलीज़ में खड़े हो गये “ बचपन के गिली डंडा ,चोर पुलिस का शोर ट्राफिक के शोर से बदल गया ,में ख़ुद के लिए काम दूसरों के लिए जवाबदेह हो गया ज़ोर से लगते ठाहके अब झूठी मुस्कान में बदल गये । हम जवानी की दहलीज़ में में खड़े हो गये माँ बाप की नोकझोक से चिडेने वाले दुनिया के नोकझोक को सुलजाने लगे ज़िंदगी की दोड मे बचपन से दूर हो गये अब हम जवानी की दहलीज़ में खड़े हो गये #parivar #merikhanni #nojoto Saleha ashfaq