हे देवी दुर्गे, दुर्गति नाशीनी दूर करू सब माया सब सुनै छी अहाँ गोसाउनि फेर कहां आहांक साया! झिलमिल करैत लाल लाल चुनरी ओढ़ने छथ ई मैया नारी के तीनु रूप में समायल अद्भुत छथ ई मैया शक्ति के रूप में पूजित माई सभक विधाता टूटल फूटल जे भी अछि लिखल माई सभक विज्ञाता। हूं हूं हूंकार करत जे ई मोन अहंकार से होय नाता, भगवती स विनती अई हमर नष्ट करू सब माता। ©अनुपम मिश्र #भजन #दुर्गे #मां #विद्यापति