मुझे सब दिखता है तुझे क्यों नही कुछ दिखता अगर तुम भी देखते हो सब तो तुम्हे कुछ क्यों नहीं दिखता सुबह की धूप, दोपहर की छाया रात की रोशनी तुम्हें सब दिखता है तो तुम्हें चांद क्यों नहीं दिखता अजीब सी दास्तां है ये तुम्हें सब दिखता है बस मैं नहीं दिखता।। ©'प्रीत' और 'चांद' #preetaurchand #MaiAurTum #baatein_ankahi_si_ #ishq_adhura