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कुछ सुनाता उस से पहले, तुमने कुछ कहने ही न दिया ।

कुछ सुनाता उस से पहले,
तुमने कुछ कहने ही न दिया ।
भीड़ मे रहने की कोशिश थी मेरी,
वो भी तुमने रहने न दिया।
अब कहते क्यों हो कि,
अकेली हो गयी हूँ,
जाने कितने सफर आये,
साथ तुमने चलने ही न दिया ।

© Prem kumar gautam #lonelypoem
#lovepoem  Golden jaat Mudrika waghmare PUNITA SHARMA Sonam Rajput Astha gangwar ©
कुछ सुनाता उस से पहले,
तुमने कुछ कहने ही न दिया ।
भीड़ मे रहने की कोशिश थी मेरी,
वो भी तुमने रहने न दिया।
अब कहते क्यों हो कि,
अकेली हो गयी हूँ,
जाने कितने सफर आये,
साथ तुमने चलने ही न दिया ।

© Prem kumar gautam #lonelypoem
#lovepoem  Golden jaat Mudrika waghmare PUNITA SHARMA Sonam Rajput Astha gangwar ©