मेरी परछाई भी आज मुझसे ये सवाल करती है , क्यूं बेमतलब के ये सारे तू बवाल करती है । और आज़ाद रहकर भी आज नहीं आज़ाद है तू , क्यूं सबके सपनों की ख्वाहिश यूं अपने नाम करती है । - दीपांशी श्रीवास्तव #मेरी_परछाई #WatchingSunset