इन आंखो में मीठे कुछ सपने बुन से जाते हे रात भर जो ख्वाब देखे वो सुबह होते होते तुट ही जाते ना जाने क्यों इतना सुकून सा होता है पर खुली आंखों में क्या कभी वो सुकून मिल पाता हे बोहत प्यारे सपने बुन जाते हे काश उन्हें पूरे वो रब भी कर देते KHADIJA'R #share#feelmywords#like#khadijaruqaiya