*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“17/2/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 जब तक हम इस “संसार” में जीवित है, हमारे साथ “सबकुछ” रहता है, हमारा “धन”,हमारी “सुख-सुविधाएं”, हमारे “मित्र”,हमारा “परिवार”, ये “समाज” ये सब हमारे साथ रहते है, जिस दिन हम इस “संसार” से चले जाएंगे, इन में से कोई हमारे “साथ” नहीं आता, न “धन”,न “सुख-सुविधाएं”,न “संपत्ति”,ये लोग ये “समाज” सिर्फ “श्मशान” तक ही साथ आ पाते है, उसके पश्चात हमारे “साथ” कुछ आ पाता है तो वो है केवल हमारा “धर्म”, और इस “संसार” में जो हम “नाम बनाकर” छोड़ जाते है, और वो होता है केवल “कर्मो” द्वारा, इसलिए इस “संसार” में आप जबतक “जीवित” है और यदि कुछ “अर्जित” करना चाहते है, “धर्म अर्जित” किजिए,“धर्म के विषय में स्पष्टता” अर्जित किजिए और “कर्म” अर्जित किजिए, यही आपका “भूतकाल” होगा यहीं आपका “भविष्यकाल” होगा, और यहीं सबको “प्रेरणा” प्रदान करेगा,और किसी के लिए “प्रेरणा” बनना यह बहुत “बड़ी बात” है *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“17/2/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 #“संसार” #“धन”