छुट्टी (खुदा)- "मेरे प्यारे बच्चे गुलज़ार रे, तेरी आँखों से ही नहीं, बल्कि उन आँखों से भी निकल रहा मेरी मुक्की👊😇 का बेशर्त प्यार रे... जो भी खुद को कर रहे बेशर्त स्वीकार रे... और खुद से कर रहे बेशर्त प्यार रे... क्योंकि बेशर्त प्यार ही जीवन का असली सार रे... बेशर्त प्यार ही कर रहा ज़िन्दगी गुलज़ार रे... I bless You and All, You are a मस्त-जबरदस्त👌👏, मुक्कीful👊, छुट्टीful, Loveful, दिल-ए-गुलज़ार Soul" _बधाई हो छुट्टी की प्यारी मुक्की👊😇 की🙏 छुट्टी (खुदा)- "मेरे प्यारे बच्चे गुलज़ार रे, तेरी आँखों से ही नहीं, बल्कि उन आँखों से भी निकल रहा मेरी मुक्की👊😇 का बेशर्त प्यार रे... जो भी खुद को कर रहे बेशर्त स्वीकार रे... और खुद से कर रहे बेशर्त प्यार रे...