Woह Diन Bही Kyया Diन थेThee बीत जाते हैं वे लम्हें जिसमें अपनों के दिन थे। सच में.. याद आते हैं वे लम्हें जिसमें अपनें बचपन के दिन थे। वो दिन भी क्या दिन थे जब हम मोबाइल के बिन थे। •.• वो गलियों का खेल वो रास्तों का मेल जिसके हम भी कभी शौकीन थे। ... नाजुक कंधों पर हम भी लादते थे कभी बस्ते खुश हो जाते थे देख खिलौने सस्ते-मस्ते उस समय हम भी अपनी खुशियों में ही लीन थे। •.• वो दिन भी क्या दिन थे♪ जब हम मोबाइल के बिन थे..✍🏻राजा किरण🗣️ ©Raja Kiran Woह Diन Bही Kyया Diन थेThee जब हम मोबाइल के बिन थे..✍️राजा किरण🗣️ #मेरी_कलम_से #दिन#जीवन#बस्ते#बचपन#खेल#मेल#लम्हें#रास्ते#मोबाइल