कोई बताए मैं कौन हूँ... किसी उलझे सवाल का हल, किसी की यादों का पल, किसी माँ का आँचल, किसी व्याहता का काजल, किसी विधवा की सफ़ेद चादर, या किसी सती का निरादर... कोई तो बताए मैं कौन हूँ?? दुपहरी में सूरज का तेज प्रकाश, रेगिस्तान में बारिश की आस, रात्रि में मंडराता कोई सितारा, या चांदनी में भीगा कोई फूल न्यारा, पलकों से गिरता संभलता कोई सपना, कुएं की मंडेर पर राह ताकता कोई अपना... तुम ही बताओ मैं कौन हूँ?? बारिश की बूंदों सा पावन, तूफानों को लिए हुए कोई सावन, रुकती और बहती हुई कोई पवन, अभिलाषाओं का कर्तव्यों में हवन, चिड़िया की मधुर मीठी कुंजाहट, मन के दीयों से मंदिर की सजावट... कोई पहचान कराए मैं कौन हूँ?? बुढ़ापे में बसता कोई शरारती बच्चा, श्रेष्ठ गोष्ठी में कोई अक्ल का कच्चा, तल्ख धूप में किसी बादल का टुकड़ा, अपनी पहचान ढूंढता कोई व्यथित मुखड़ा, किसी पैर की गूँगी सी घूमती कोई पायल, अपनी इच्छाओं के खंज़र से कोई मन घायल... कोई तो बताए मैं कौन हूँ?? ...✍️ अंकुर ©Ankur Mishra मैं कौन हूं ? #मै_कौन_हूं